हम बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश की!एक ऐसा प्रदेश जो पूर्णतः कृषि प्रधान प्रदेश है!लेकिन,इस प्रदेश के किसानों का दुर्भाग्य है कि प्राकृतिक आपदा⛈ से फसल🌾 खराब होने की वजह से वो अपनी जिंदगी से हार मानकर आत्महत्या कर लेते हैं!क्या किसानों की आत्महत्या को रोकना असंभव काम है या फिर सरकार की नीयत खराब है...जब शराब🍷 बनाने वाले विजय माल्या जैसे उद्योगपतियों का कर्जा सरकार माफ कर सकती है तो अपने प्रदेश के अन्नदाता का क्यों नहीं,मनुष्य को जीने के लिए शराब🍷 जरूरी है या फिर अन्न🌾?हर बार किसानों के साथ ही भेदभाव किया जाता है:फ़सल🌾 मंडी में पहुंचते ही फसल🌾 का दाम कम कर देते हैं!फसल🌾 बिकने के बाद उसका पैसा पूरा नहीं देते हैं!और आवाज उठाने पर किसानों के ऊपर गोलियां🔫 चलवाते हैं!क्या इतनी निर्दयी सरकार को सरकार में बने रहने का हक है?क्या खुद को किसान पुत्र कहने वाला सच्चा किसान पुत्र है या फिर सत्ता का लालची?क्या यह सभी बातें आने वाले चुनाव के समय ही किसान देंगे जबाब,,,? यह तो समय ही बताएगा,,,?
ऐसी सरकार को जड खत्म करने का समय आ रहा है ।
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