दबंंग रिपोर्टर - रंजीत पुरी गोस्वामी
सिवनी:- सिवनी जिले के साथ पूर्व
से ही परायापन जताया गया है जिसमें सिवनी के विकास में अनेक बाधाएं उत्पन्न हुई
हैं जिनका खामियाजा सिवनी की भोली भाली जनता को उठाना पड़ता है चर्चे में रहे
इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय भी काफी विवादों में घिरा रहता है क्योंकि विगत कई समय
से जिला चिकित्सालय सिर्फ़ खानापूर्ति करते आ रहा है इसी तारतम्य में आज यूथ विंग
समर्पण युवा संगठन के सदस्यों द्वारा कचहरी चौक में एकत्रित होकर कलेक्ट्रेट तक
मौन रैली निकाली जिसमें संगठन ने आज व्याप्त अनियमितताओं के विरोध में जिला कलेक्टर डॉ. राहुल
हरिदास फटिंग जी को ज्ञापन सौंपा एवं मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री
श्री प्रभु राम चौधरी जी को सिवनी जिला अस्पताल की समस्याओं से अवगत कराते हुए
उनके निज निवास पर स्पीड पोस्ट किया जिसमें विभिन्न मुद्दों पर कलेक्टर महोदय से
गुहार लगाई गई कि जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में की जा रही अनदेखी
आमजनमानस के जीवन से खिलवाड़ करना है जिसे तत्काल ठीक किया जाना चाहिए। ज्ञापन के
माध्यम से संगठन अध्यक्ष आशीष माना ठाकुर ने बताया गया कि । वर्तमान में आई सी यू
निर्माण होने के कारण आई सी यू वार्ड बंद है हार्ट के मरीजों के उपचार के लिए जब
तक आ इ सी यू नहीं बन जाता तब तक के लिए उसकी वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जानी चाहिए
एवं हार्ट के मरीजों को रात में इमरजेंसी कक्ष में ही इसीजी की व्यवस्था उपलब्ध
कराई जाए। वर्तमान में वहां इसकी व्यवस्था है, लेकिन यह केवल वीआईपी
लोगों को ही उपलब्ध कराई जाती है। जो कि समरसता के भाव में भेदभाव दर्शाता है
इसीके साथ रात में जिन चिकित्सकों की ड्यूटी है वह चिकित्सक संबंधित मरीज के
अस्पताल पहुंचने के बाद भी नहीं आते हैं। ऐसे चिकित्सकों पर तुरंत कार्रवाई की
जानी चाहिए । क्योंकि वह ज्यादा समय अपने प्राइवेट क्लिनिक में बिताते हैं , अस्पताल में सोनोग्राफी
पांच माह से बंद है। अस्पताल प्रशासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। गरीब गर्भवती
महिलाएं अस्पताल में सबसे अधिक परेशान हैं। गरीब गर्भवती महिलाएं बड़ी संख्या में
उपचार के लिए महिला ओपीडी में आती है। हर बार उपचार के लिए अस्पताल में
चिकित्साधिकारी बदल जाती है। जिससे मरीजों को काफी तकलीफ़ो का सामना करना पड़ता है
निरंतर इस तरह की परेशानियों का सामना पीड़ित मरीजों। को करना पड़ रहा है जिला
अस्पताल में थायराइड टेस्ट नहीं हो रहा है। महिलाओं में यह बीमारी सबसे अधिक होती
है। गरीब महिलाओं को परेशानी होती है। जिला अस्पताल में यह टेस्ट सुनिश्चित किया
जाना चाहिए और साथ ही पूर्व से मरीजों के परिजनों के प्रति नर्सों
का व्यवहार अभद्रता पूर्वक रहा है लेकिन कई बार शिकायत करने के बाद भी स्टाफ नर्स
के हौंसले बुलंद रहते हैं रात्रि के समय भी जो वार्ड बॉय अपनी ड्यूटी पर होते हैं
उनके द्वारा भी कई बार मरीजों के परिजनों के साथ विवाद की इस्तिथियां पैदा हुई हैं
क्योंकि वार्ड बॉय अधिकतर नशे की हालत में होते हैं इसके कारण कई बार हाथपाई जैसी
घटनाएं जिला चिकित्सालय में आये दिन होती रहती है , एवंचिकित्सालय में व्हील
चेयर की कमी से अस्वस्थ, बुजुर्ग, हार्ट पेशेंट जैसे मरीजों
को असुविधा होती है इसकी संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए इसी तरह अस्पताल में बेड की
कमी भी है बेड की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए , और जिला अस्पताल के कई
वार्डों में पानी टपक रहा है जिससे बारिश के समय मरीजों को सोने में परेशानी होती
है
इसीके साथ अस्पताल में बेहद जरूरी इको जांच की सुविधा भी नहीं है
जिससे हार्ट पेशेंट को भटकना पड़ रहा है जिस पर ध्यान दिया जाना चाहिए । संगठन
द्वारा कड़े शब्दों में कहा गया कि वर्तमान समय मे मेल व फीमेल वार्ड में ही हार्ट
के मरीजों का उपचार चक रहा है जो कि नियमानुसार सही नही है हार्ट के मरीजों के लिए
अलग से वार्ड की वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए । इसीके साथ जिला अस्पताल में
मरीजों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है संगठन द्वारा जिला प्रशासन से
अपील की जाती है कि त्वरित इस गंभीर विषयों पर अगर कार्यवाही नहीं कि गई तो संगठन
चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगा
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