लखनादौन सिविल
अस्पताल का औचक निरीक्षण कब करेगें सिवनी कलेक्टर,
जहां अनेकों अनियतितायें को लेकर
रहता है हमेशा सुर्खियों में
दबंग रिपोर्टर –रन्जीत पुरी
गोस्वामी -
वैसे तो लखनादौन की आदिवासी बाहुल्य का एक मात्र सरकारी सिविल अस्पताल है जहां पर अनेंको पंचायतो से घिरा हुआ है, जहां अस्पताल की स्थिति विगत वर्षो से जस के तस बनी हुई है, यहां पर अनेको वर्षो से व्यस्थाओ को लेकर जनता भी काफी नाखुस नजर आ रही है,विगत वर्षो से इनकी अनियतितायें व अफसरशाही भी चरम पर मण्डरा रही है, जहां पर सूत्र की मानते हुये डाक्टरर्स की बात की जाये तो मनमर्जी से अपने हिसाब से आना-जाना, जब चाहे अस्पताल से नदारत रहना कोई नई बात नही होगी, परन्तु इन सबके बाबजूद जब डाक्टर्स अस्पताल पर नही आते तो उनको,उनके ही घरो पर इलाज करते देखना किसी से छिपा भी नही है और यदि किसी सी भी तरह आये तो डाक्टर्स के पास मोटी रकम अन्दूरूनी तौर पर पहुंचना यह आम बात हो गयी जबकि यह जानकारी विभाग के आला उच्चाधिकारियेां को होने के बावजूद किसी भी तरह की कोई कार्यवाई नही होना यहां की जनता अपने आपको ठगा महसूस करते हुये दुर्भाग्य ही समझती आ रही है,वही दूसरी सूत्रों की माने तो जिम्मेदार डाक्टर्स की घोर लापरवाही व कमजोरियां दबाये बैठी है,जिनको देख यहां की नर्से भी मनमुताबिक काम करते देख सकते जिनको फटकार लगाने किसी कि हिम्मत नही हो पाती,यहां मरीज तडप रहा है जो दिन भर अपने मोबाईल पर फेसबुक,वाटसअप, गेम खेलना, अपने हाथो पर मेहंदी लगाना इत्यादि सभी काम डूयटी पर ही रहने के वावजूद इस तरह से करते नजर आती रहती है, जिससे डाक्टर्स व नर्सो की मिलीभगत का दंस यहां की गरीब जनता भोगने को मजबूर हो रही है,चाहे मरीजो को पानी से लेकर साफ सफाई व दवाईयों तक की व्यस्था नही हो पाना जो अब तक समझ से परे है,परन्तु सिवनी के अतिसवेंदनशील व अतिशिक्षित कहे जाने वाले कलेक्टर प्रवीण सिंह जिले के अन्य जगहों पर तो औचक निरीक्षण लगातार करते दिख रहे, परन्तु इस लखनादोन नगर की और कब ध्यान देते हुये आयेगें,यहां की जनता ने काफी आस व उम्मीद लगायी बैठी है, ताकि लखनादोन शहर का भी विभागों में जांच करेगे तो कुछ तो परिवर्तन देखने को मिल सकेगा, यह तो समय ही बतायेगा ा
वैसे तो लखनादौन की आदिवासी बाहुल्य का एक मात्र सरकारी सिविल अस्पताल है जहां पर अनेंको पंचायतो से घिरा हुआ है, जहां अस्पताल की स्थिति विगत वर्षो से जस के तस बनी हुई है, यहां पर अनेको वर्षो से व्यस्थाओ को लेकर जनता भी काफी नाखुस नजर आ रही है,विगत वर्षो से इनकी अनियतितायें व अफसरशाही भी चरम पर मण्डरा रही है, जहां पर सूत्र की मानते हुये डाक्टरर्स की बात की जाये तो मनमर्जी से अपने हिसाब से आना-जाना, जब चाहे अस्पताल से नदारत रहना कोई नई बात नही होगी, परन्तु इन सबके बाबजूद जब डाक्टर्स अस्पताल पर नही आते तो उनको,उनके ही घरो पर इलाज करते देखना किसी से छिपा भी नही है और यदि किसी सी भी तरह आये तो डाक्टर्स के पास मोटी रकम अन्दूरूनी तौर पर पहुंचना यह आम बात हो गयी जबकि यह जानकारी विभाग के आला उच्चाधिकारियेां को होने के बावजूद किसी भी तरह की कोई कार्यवाई नही होना यहां की जनता अपने आपको ठगा महसूस करते हुये दुर्भाग्य ही समझती आ रही है,वही दूसरी सूत्रों की माने तो जिम्मेदार डाक्टर्स की घोर लापरवाही व कमजोरियां दबाये बैठी है,जिनको देख यहां की नर्से भी मनमुताबिक काम करते देख सकते जिनको फटकार लगाने किसी कि हिम्मत नही हो पाती,यहां मरीज तडप रहा है जो दिन भर अपने मोबाईल पर फेसबुक,वाटसअप, गेम खेलना, अपने हाथो पर मेहंदी लगाना इत्यादि सभी काम डूयटी पर ही रहने के वावजूद इस तरह से करते नजर आती रहती है, जिससे डाक्टर्स व नर्सो की मिलीभगत का दंस यहां की गरीब जनता भोगने को मजबूर हो रही है,चाहे मरीजो को पानी से लेकर साफ सफाई व दवाईयों तक की व्यस्था नही हो पाना जो अब तक समझ से परे है,परन्तु सिवनी के अतिसवेंदनशील व अतिशिक्षित कहे जाने वाले कलेक्टर प्रवीण सिंह जिले के अन्य जगहों पर तो औचक निरीक्षण लगातार करते दिख रहे, परन्तु इस लखनादोन नगर की और कब ध्यान देते हुये आयेगें,यहां की जनता ने काफी आस व उम्मीद लगायी बैठी है, ताकि लखनादोन शहर का भी विभागों में जांच करेगे तो कुछ तो परिवर्तन देखने को मिल सकेगा, यह तो समय ही बतायेगा ा
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